मोदी जी के 1 साल ( 1 Year of Modi 2.0)



मोदी जी के 1 साल         
                                                        
 30 मई 2019 , चुनाव के रिजल्ट के लगभग 1 सप्ताह के बाद मोदी जी के दूसरी सरकार कि शुरुआत थी । सबसे पहले मंत्रिमंडल और विभाग पर सबको नजर टिकी हुई थी इसके पीछे कुछ कारण थे और वो कारण था सुषमा जी का चुनाव से दूर होना जिसका मतलब सरकार से दूर होना लग रहा था और उनकी छवि बहुत बड़ी हो गई थी विदेश मंत्री रहते लोगों को सेवा करने की सोशल मीडिया पर जिससे ये बात साफ थी कि उनके जैसा विदेश मंत्री कि खोज , दूसरी खबर थी जेटली सर की बीमारी जिसके बाद उन्होंने खुद ही सरकार से अलग रखने कि बात कह दी थी । तीसरी जो सबसे बड़ी बात थी कि अमित शाह को कौन सी जिम्मेदारी मिलेगी या दूसरी तरफ आप ये बोल सकते है कि सरकार में नंबर 2 कौन होगा । 
खैर ये सब हुआ , अमित शाह गृह मंत्री बने , विदेश मंत्रालय के एक अफसर जिनके पिता जी बहुत बड़े रणनीतिकार थे उनको विदेश मंत्री का पद मिला । राजनाथ जी को रक्षा मंत्री तो निर्मला जी को वित्त मंत्री मिला बाकी सब तो ठीक ठाक ही था । हैदराबाद से किशन रेड्डी या ओडिशा से एक किसान और साधु की जिंदगी जीने वाले नेता जी को मंत्री पद अच्छा फैसला था । 
   अब बिहार से होने के बाद बिहार के सांसदों को मंत्री पद मिलने कि बात ना करू तो गलत हो जाएगा। रवि शंकर जी को मंत्री पद मिलने में कोई दो राय नहीं था । गिरिराज जी चुनाव के समय सीट बदलने के कारण जो गुस्सा थे और बाद में अमित शाह ने चुनावी भाषण में बोल् दिया ही था कि हम इन्हे बड़ा बनाएंगे और पहले ही बीजेपी ने उनकी जाति के लोगों के टिकट काटकर जो छीछालेदर करवाया था तो उनको तो भरपाई करनी ही थी उनके चक्कर मर भूपेंद्र यादव जो को अमित शाह से फटकार भी सुन ना पड़ा था । अब कुछ टिकट काटना ही था मंत्री पद का तो निपट गए पिछले कृषि मंत्री और जाति के नाम पर मंत्री पद पाने वाले रामकृपाल जी । अब बीजेपी जीती जरूर मोदी जी के नाम पर मगर तरफदारी और इनाम तो जरूर बिहार बीजेपी अध्यक्ष को मिलता ही ये खैर सवाल का विषय है कि बीजेपी कि कितने परदेश अध्यक्ष अपने सभा में लोगों की भीड़ तक जू टा पाते होंगे या उनके कहने पर कितना वोट मिलता होगा , खैर यहां तो खुद की सीट मोदी जी के नाम पर इस बार निकली थी , मगर जीते हुए लोगों पर आप सवाल नहीं कर सकते इस देश में और हारे हुए की इज्जत नहीं रहती इस देश में वही हुआ भी मंत्री पद मिल गया । बाकी पुराने मंत्री लोग अपनी मंत्री पद बचा लिए । 
  अब बिहार की बात कर रहे है तो तीर छाप की बात भी करनी पड़ेगी ,एक बात में हूं समझ लीजिए पूरी कहानी ' शेरवानी सिल के तैयार थी मगर लड़की ही भाग गई किसी और के साथ ' । अब इस से ज्यादा बोलेंगे तो केस वेस हो जाएगा । खैर 2020 में शेरवानी काम आ जाए चुनाव जो है सीट का भी तो दबाव देना होगा । चलिए इस में नहीं पड़ते है । 
अब इस सरकार में कुछ तूफानी होने के संकेत तो लग ही रहे थे , और जिसका कल्पना बहुत दिनों से थी सबको । हुआ भी , जैसे ही कश्मीर में सेना जाने लगी ज्यादा संख्या में तभी लगने लगा पाकिस्तान रोएगा और कुछ वहा के दलाल जो यहां पर है वो भी , हुआ वहीं पहले राज्ाभिषेक सभा में निपटाया फिर अगले दिन रुला रुला कर लोकसभा में । एक बात तो है बीजेपी ने लोक सभा और राज्य सभा चैनल को टीआरपी जरूर बढ़ा दी है और जो भाषण सून ने को मिला अमित शाह जी का और लद्दाख के युवा सांसद का और जो कपड़ा फाड़ दिखा विपक्षी सांसद का , सच बताऊं 15 लाख तो यही देख के वसूल हो गए । पूरा देश इस फैसले पर झूम उठा । 
उसके बाद रही सही कसर राम मंदिर जन्म भूमि विवाद में भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने कर है दिया , मगर उस बात पर यूपी सरकार को दाद देनी होगी किसी को चू नहीं करने दिया । हम सबने भी किसी धर्म की भावना आहत ना हो इसीलिए जश्न नहीं मनाया । 
फिर सिटिज़न बिल भी आ गया । अब तो कुछ लोगों के छाती पर सांप लोटने लगे और अमित शाह जी के भाषण ने एनआरसी के लिए जो हवा बनाई तो फिर क्या था आग सुलगने लगी जो पहले से कश्मीर  , राम मंदिर मुद्दे पर थी मगर यहां पर बाहर निकल गई । लोगों ने खूब भाषण दिए शायद शेर और शेरनी की उपाधि भी दी आज वो शेर शेरनी कहां गीदड़ बन के छुपे हुए है ये तो आप खोज ही ले रहे है । ए बी सी डी का ज्ञान नहीं था लोगों को मगर मजहब के नाम पर उन्हें भड़ काया गया और कुछ कॉलेज जो सिर्फ अपने पूर्वजों के नाम पर चल रहा है उसने अपनी औकात दिखा दी नाम से पता चल जाएगा कि क्यों उन लोगो ने दंगे किए , दिल्ली को जलाया , अलीगढ़ को जलाया फिर यूपी में योगी ने उनकी कहीं और पर आग लगाई फिर फोटो लगाई चौराहे पर फिर दुकान ,घर बिचवाई फिर वो अपनी औकात में आ गए । दिल्ली जैसे ट्रैफिक वाले राज्य में सरकार के एक विधायक और कुछ जयचंदो के कारण 3 महीने से जुड़ा रोड को जाम करके रखा गया। खैर हर छोटी बात पर खुद से गुस्सा हो जाने वाले मीलर्ड इस बार गुस्सा नहीं हुए रोड जाम से , खैर आप अपने घर पर दीवाली में पटाखे जलाएंगे तो मी लॉर्ड गुस्सा हो जाएंगे मगर वो यहां सख्त बने रहे और यही से भारत के 🐔 हेड को काटने की या देश की शांति भंग करने की जो 70 सालों से मन में दबी थी बाहर निकली और हम सबको दिख भी गई सच्चाई अच्छे से इस बार । 
यहां पर दिल्ली पुलिस दबाव में आ गई और योगी जी की तरह एक्शन नहीं ले पाई और यही से दंगे को पृष्ठ भूमि तैयार हो गई । प्रायोजित दंगे भी हुए देश को बदनाम करने के लिए । 
अब सरकार पर फिर से आ जाते है , मुझे जो सुधार कि गुंजाइश लग रही है वो वित्त विभाग में खैर मुझे इकोनॉमिक्स का उतना ही ज्ञान है जितना एक पार्टी की अध्यक्ष को हिंदी का है । देश में अभी भी शिक्षा पर पैसे सही जगह पर खर्च नहीं हो पा रहे है, देश में जो अब तक इतिहास में जो गलती कि थी कुछ बिकाऊ इतिहासकारों ने उस पर सुधार कि अविलंब जरूरत है । देश में चल रहे कुछ ऐप जैसे tiktok इन सब से जो युवा वर्ग भ्रमित हो रहा है उसपर पाबंदी होनी चाहिए । खैर आज ये कहानी खत्म नहीं होगी और आप फिर बोर हो जाओगे और भी बचा है दिल में ।
देश में 1 साल में पैसा वसूल काम तो जरूर हुआ है । 
धन्यवाद आप सबको इस सरकार को वोट देने के लिए ।




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